Friday 30 September 2016

SC ने शहाबुद्दीन की जमानत रद्द की: सरेंडर के बाद भेजा गया जेल, 11 साल कैद में रहने के बाद 20 दिन पहले हुई थी रिहाई

नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को जमानत रद्द होने के बाद आरजेडी के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सरेंडर कर दिया है। 7 सितंबर को एक मर्डर केस में शहाबुद्दीन को पटना हाईकोर्ट से बेल मिली थी। 11 साल में जेल में रहने के बाद 10 सितंबर को वह रिहा हुआ। अब 20 दिन बाद दोबारा उसे जेल भेज दिया गया है। फैसले पर शहाबुद्दीन ने कहा, "मैंने हमेशा कोर्ट का सम्मान किया है। सच बोलने को लेकर मैंने कोई परवाह नहीं की। मेरे सपोर्टर्स बता देंगे कि अगले इलेक्शन में क्या होना है।" पिछली सुनवाई में क्या हुआ...


- दो अलग-अलग घटनाओं में अपने तीन बेटों को गंवा चुके चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदाबाबू के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चंदाबाबू और बिहार सरकार की दोनों अपीलों को मंजूर कर लिया। बिहार सरकार को आदेश दिया है कि तुरंत शहाबुद्दीन को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए और राजीव रोशन के ट्रायल को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
- इससे पहले, गुरुवार को सुनवाई के बाद जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस अमिताभ रॉय की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा और मामले को गंभीरता से नहीं लेने के लिए बिहार सरकार को फटकार लगाई।
- सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था, ''क्या शहाबुद्दीन को जमानत मिलने तक आप नींद में थे?"
- शहाबुद्दीन के वकील ने कहा था कि उनके मुवक्किल को अभी तक चार्जशीट की कॉपी भी नहीं दी गई है। बेंच ने इससे रजामंदी जताई और कहा कि ट्रायल कोर्ट पिछले डेढ़ साल से इसके लिए कह रहा है। फिर भी ऐसा नहीं हुआ। हमारे लिए ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही किसी दूसरे ग्रह की नहीं है।
फैसले पर शहाबुद्दीन ने क्या कहा?
- शहाबुद्दीन ने कहा, ''ये न्यायपालिका का फैसला है। मैंने हमेशा कोर्ट का सम्मान किया और सरेंडर कर दिया है।''
- ये पूछे जाने पर कि क्या बेल मिलने के बाद बिहार सरकार के लिए आपने जो कहा, उसी के चलते यह सब हुआ?
- इस पर शहाबुद्दीन ने कहा, ''नहीं, जो सच है उसे बोलने में कोई परवाह नहीं करता हूं। मेरे सपोर्टर बता देंगे उन्हें कि अगले इलेक्शन में क्या होना है।"
तीन हत्याओं के दो अलग-अलग मामलों में आरोपी
- 16 अगस्त 2004 को सीवान के गोशाला रोड में रहने वाले कारोबारी चंद्रकेश्वर प्रसाद (चंदा बाबू) के दो बेटों सतीश और गिरीश का अपहरण हुआ था।
- सतीश और गिरीश के बड़े भाई राजीव रोशन ने गवाही दी कि शहाबुद्दीन की मौजूदगी में उसके दोनों भाइयों को तेजाब में डुबोकर मार डाला गया था।
- हाईकोर्ट के आदेश पर शहाबुद्दीन के खिलाफ मामले की सुनवाई शुरू हुई। इसी बीच, 16 जून 2014 को अहम गवाह राजीव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसमें शहाबुद्दीन के साथ उनका बेटा ओसामा भी आरोपी है।
दोहरे हत्याकांड में पहले ही मिल गई थी जमानत
- शहाबुद्दीन नवंबर 2005 से जेल में बंद थे। उन्हें दोहरे हत्याकांड (तेजाब कांड) में हाईकोर्ट से फरवरी में ही जमानत मिल गई थी।
- सीवान की कोर्ट ने राजीव रोशन की हत्या के मामले में शहाबुद्दीन को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
- शहाबुद्दीन ने इसे चैलेंज करते हुए पटना हाईकोर्ट में अपील दायर की।
- बचाव पक्ष ने कहा कि शहाबुद्दीन पर हत्या का सीधा आरोप नहीं है। जब राजीव रोशन की हत्या हुई, पूर्व सांसद जेल में थे। उन पर हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप है।
- इसके बाद हाईकोर्ट ने शहाबुद्दीन को जमानत दे दी।
कब-क्या हुआ?
- सीवान में दो भाइयों का मर्डर हुआ था। इस मामले में चश्मदीद गवाह रहे इन दोनों के भाई राजीव रोशन की भी बाद में हत्या हो गई। इसी केस में शहाबुद्दीन आरोपी हैं।
- पटना हाईकोर्ट से 7 सितंबर को शहाबुद्दीन को बेल मिली थी।
- 19 सितंबर को बेल के खिलाफ SC में सुनवाई हुई। कोर्ट ने 26 सितंबर तक शहाबुद्दीन का पक्ष मांगा था।
- 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई और सुनवाई 28 सितंबर तक टाली।
- 29 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बेल के खिलाफ अपीलों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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