Friday 30 September 2016

अखनूर में फायरिंग; राजनाथ ने कहा- PAK से भारतीय सैनिक को छुड़ाने की कोशिशें हो रही हैं

श्रीनगर/नई दिल्ली.होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान द्वारा पकड़े गए भारतीय जवान को वापस लाने के लिए कोशिशें की जा रही हैं। भारत ने यह मुद्दा पाकिस्तान के सामने उठाया है। बता दें कि गुरुवार की रात को राष्ट्रीय राइफल का एक जवान गलती से एलओसी पार कर पाकिस्तानी सीमा में चला गया था। वहीं, अखनूर सेक्टर में पाकिस्तान ने फिर सीजफायर वॉयलेशन किया है। उधर, सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से पंजाब और जम्मू-कश्मीर में बॉर्डर से सटे 10 km दायरे के 1000 गांव खाली करा लिए गए हैं। पाक से पिछली दो जंग में सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाले पंजाब में हाई अलर्ट है। आर्मी और बीएसएफ के जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। दिल्ली और मुंबई पर आतंकी हमले की आशंका...



- राजनाथ सिंह ने कहा- " दिल्ली ने पाकिस्तान के सामने मुद्दा उठाया और जवान को जल्दी छोड़ने की अपील की है।"
- बता दें कि पाकिस्तान ने जिस जवान को पकड़ा है उसका नाम चंदू बाबूलाल चौहान है। यह 37 राष्ट्रीय राइफल से है। 
- आर्मी के मुताबिक, जवान गुरुवार की रात को एलओसी पार कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में चला गया। जिसे पाकिस्तानी आर्मी ने पकड़ लिया था।
- आर्मी के सूत्रों ने बताया कि यह जवान सर्जिकल स्ट्राइक में शामिल नहीं था।
राजनाथ ने की हाई लेवल मीटिंग
- एलओसी पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आतंकी संगठन दिल्ली और मुंबई को निशाना बना सकते हैं। इंटेलिजेंस एजेंसीज से मिले इन इनपुट्स के बाद राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई। इसमें अजीत डोभाल और गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजु भी शामिल हुए।
- इससे पहले राजनाथ ने आईटीबीपी ऑफिशियल के साथ मीटिंग की। इसमें बॉर्डर एरिया पर सिक्युरिटीज अरेंजमेंट का रिव्यू किया गया।
एजेंसीज अलर्ट, मुंबई और दिल्ली में सुरक्षा बढ़ाई
- सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ऐसी आशंका है कि पाकिस्तान की तरफ से कोई जवाबी कार्रवाई हो सकती है। इसी के मद्देनजर देश में एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है।
- गुजरात और महाराष्ट्र में नेवी अलर्ट पर है। मुंबई में बड़े प्रोग्राम और कई एग्जीबिशन रद्द कर दिए गए हैं।
- दिल्ली और मुंबई को 48 घंटों के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है।
- उधर, जम्मू के डिप्टी कमिश्नर सिमरनदीप सिंह ने बताया- "इंटरनेशनल बॉर्डर और एलओसी से लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है।" 
- "ये सारे लोग भारत-पाक बॉर्डर पर 7 से 8 किमी के एरिया में रहते हैं। जम्मू, सांबा, कठुआ के साथ ही राजौरी और पुंछ के लोगों के लिए ये आदेश जारी किया गया है।"
- "बॉर्डर के 10 किमी के दायरे में आने वाले स्कूलों को भी अगले आदेश तक बंद रखने को कहा गया है।"
एक महीने में 5वींं बार किया सीजफायर वॉयलेशन
- एलओसी के पार भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अखनूर सेक्टर में पाकिस्तान ने सीजफायर वॉयलेशन किया है।
- पाकिस्तान की तरफ से 36 घंटे में यह तीसरा मौका है, जब सीजफायर वॉयलेशन किया गया। वहीं, सितंबर में अब तक पांच बार सीजफायर वॉयलेशन हो चुका है।
- जम्मू के डिप्टी कमिश्नर सिमरनदीप सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अखनूर जिले के पल्लनवाला में फायरिंग की खबर है। इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है।
उड़ी हमले में जख्मी एक और जवान शहीद
- जम्मू कश्मीर में उड़ी के आर्मी बेस में 12 दिन पहले हुए आतंकी हमले में गंभीर रूप से जख्मी हुए एक और जवान ने आज दम तोड़ दिया। इसके साथ ही हमले में शहीदों का आंकड़ा 19 हो गया है।
- बता दें कि 18 सितंबर को चार आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे।
गुरुवार दिनभर ऐसे चला घटनाक्रम
बुधवार रात 12.30 बजे
125 पैरा कमांडो सर्जिकल स्ट्राइक पूरा कर तड़के 4.30 बजे भारतीय कमांडो अपने-अपने कैम्पों में लौट आए।
सुबह 8.00 बजे
अमेरिकी एनएसए सुजैन राइस ने हमारे एनएसए अजीत डोभाल से फोन पर बात की। शाम को 22 देशों को भारत ने स्ट्राइक की जानकारी दी। कई देशों ने भारत की कार्रवाई का समर्थन किया।
सुबह 10.30 बजे
सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक बुलाई गई। मोदी, राजनाथ, जेटली, सुषमा, पर्रिकर, आर्मी चीफ, डीजीएमओ और एनएसए शामिल हुए।
दोपहर 12.00 बजे
सेना और फॉरेन मिनिस्ट्री ने आधे घंटे के नोटिस पर मीडिया को बुलाया। सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी दी। यह भी साफ किया कि आगे कार्रवाई नहीं करेंगे, पर कुछ हुआ ताे जवाब भी देंगे।
दोपहर 2.35 बजे
गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब और गुजरात में पाक से लगे 10 किमी तक के गांवों को खाली कराने का आदेश जारी किया। वाघा सीमा पर बीटिंग रिट्रीट हुई। लेकिन लोगों के आने पर रोक रही।
दोपहर बाद 4.15 बजे
सरकार ने सभी पार्टियों की मीटिंग बुलाई। सुषमा स्वराज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलीं। सभी दलों ने सरकार के सख्त रुख का समर्थन किया। आगे भी साथ रहने का भरोसा।

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